आंखों की कई परेशानियों को दूर कर देंगे सिर्फ ये 3 अभ्यास

आंखों की कई परेशानियों को दूर कर देंगे सिर्फ ये 3 अभ्यास

सेहतराग टीम

हमारे शरीर के सभी अंगों में आंख बेहद अहम अंग माना जाता है। क्योंकि आंख से ही हम किसी भी चीज को देखते हैं। अगर आंख ही काम करना बंद कर दे तो हमारी जिंदगी काफी मुश्किलों से भर जाएगी। ऐसी स्थिति में आंख को ठीक रखने के लिए हम कई प्रकार के जतन करते हैं। उसके बावजूद भी हमें आंखों से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। आंखों में ग्लुकोमा, ट्रैकोमा और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां हमें होती हैं। अधिकतर समस्याएं आंखों की पेशियों की डैमेजिंग से होती है। ये स्थिति लंबे समय तक होने पर मानसिक और भावनात्मक तनाव के कारण और बिगड़ जाती है।

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बदलते समय की वजह से लोगों के जिवन में तनाव बढ़ता चला जा रहा है। इसकी वजह से उन्हें आंखों की समस्याओं से भी गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में लोग इन बीमारियों से कैसे बचे ये बड़ा सवाल है। वहीं अगर आप भी ऐसी समस्या से परेशान है तो घबराए नहीं क्योंकि आज हम आपको ऐसे अभ्यास के बारे में बताने वाले है जिससे आंखों की पेशियों की गड़बड़ियों को दूर किया जा सकेगा। आइए जानते हैं कि उन अभ्यास के बारे में-

आंखों की सीध में किसी निश्चित बिंदु को सीधे देखें

सिर को इसी स्थिति में रखें।फिर सिर को घुमाए बिना ही आंखों को पहले बाएं हाथ के अंगूठे पर ले जाएं, फिर भौहों के बीच के स्थान पर, फिर दाएं हाथ के अंगूठे पर। सिर और मेरूदण्ड को सीधा रखते हुए इस च्रक को 10 से 20 बार दोहराएं।

फायदे

लगातार पढ़ने-लिखने से आंखों के स्नायुओं में उत्पन्न तनाव से इस अभ्यास द्वारा छुटकारा मिलता है। यह भेंगापन भी नहीं होने देता और उसमें सुधार लाता है।

 आंखों पर हथेलियां रखना

 शांत बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। हथेलियों को आपस में कसकर रगड़ें और जब वे गर्म हो जाएं तो उन्हें धीरे-धीरे बंद आंखों की पलकों पर रखें। पलकों पर अनावश्यक दबाव न डालें। जब तक हथेलियों की गर्मी आंखों द्वारा अवशोषित न हो जाए तब तक हथेलियों को आंखों पर ही रखें।

फायदे

गर्म हथेलियों से पलकों को ढकना आंखों की पेशियों को शांत और पुनर्जीवन प्रदान करता है। यह कॉर्निया और लेंस के बीच प्रवाहित जलीय द्रव का संचरण बढ़ाता है। इससे दृष्टि दोष में सुधार होता है।

 पलकों को झपकाना

 आंखों को खुला रखते हुए बैठ जाएं। पलकों को जल्दी-जल्दी 10 बार झपकाएं। आंखों को बंद कर 20 सेकंड तक विश्राम करें। फिर जल्दी-जल्दी 10 बार पलके झपकाएं।ऐसा 5 बार करें।

फायदे

दृष्टि-दोष से पीड़ित कई लोग अनियमित और अस्वाभाविक ढंग से पलकें झपकाते रहते हैं। इसका संबंध आंखों में आदतन तनाव की स्थिति से है। यह अभ्यास आंखों के स्नायुओं को विश्रान्ति प्रदान कर पलके झपकने की सहज क्रिया को स्वाभाविक रूप में लाने में सहायक होता है।

दाएं-बाएं देखना

पैरों को सामने सीधे फैलाकर बैठ जाएं। हाथों को कंधों की ऊंचाई पर दोनों ओर सीधे फैला दें। अंगूठे ऊपर की ओर रहें। जब सिर सीधा सामने की ओर हो, तब अंगूठों को आंखों के सीध में रखें। सिर हिलना नहीं चाहिए।

 

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